1765 में बंगाल,बिहार और उड़ीसा में अंग्रेजो की दीवानी स्थापित हो गयी।
1772 में भूमि का अस्थाई प्रबंध आरंभ किया गया नीलामी के आधार पर 5 वर्षो के लिए भूमि दी जाने लगी।
1786 में दसवर्षीय व्यवस्था लागू की गयी।
1789 में स्थाई बंदोबस्ती ज़ोर दिया गया।
1793 में लार्ड कार्नवालिस ने भूमि का स्थाई प्रबंध कर दिया
भूमि के स्वामित्व का अधिकार जमींदार को दे दिया गया ।
भूमि को पैतृक और हस्तांतरित बना दिया।
भू- राजस्व का 90% हिस्सा सरकार का था 10% जमींदार का निर्धारित किया गया।
जमींदारो के सभी न्यायिक अधिकार छिन लिए गए तथा समय पर भू-राजस्व जमा नहीं करने पर भूमि जब्त कर ली जाती थी।
यह व्यवस्था इंग्लैंड में प्रचलित जमीनदारी व्यवस्था से प्रेरित थी।
रैयतवाडी व्यवस्था